मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप जब इस पद के लिए नहीं चुने गए थे, तब वह अक्सर अपनी चिर-परिचित शैली में ट्वीट कर सीरिया में US की कार्रवाई को लेकर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की आलोचना किया करते थे। उनका कहना था कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं, तो सीरिया में असद सरकार को सत्ता से हटाने की जगह इस्लामिक स्टेट (IS) का खात्मा करने को ज्यादा तरजीह देंगे। उन्हें राष्ट्रपति बने महज ढाई महीने हुए हैं कि अपनी रणनीति में 180 डिग्री का बदलाव करते हुए उन्होंने सीरिया पर मिसाइल हमला करने का आदेश दे दिया। बताया जा रहा है कि मंगलवार को इदलिब में मारे गए मुर्दा बच्चों की तस्वीर देखकर ट्रंप इतने परेशान हो गए कि उन्होंने सीरिया पर अपनी रणनीति बदलने का फैसला कर लिया। इससे पहले कि आप ये तस्वीरें देखें, हम आपको बता देना चाहते हैं कि ये बेहद विचलित कर देने वाली हैं। इन तस्वीरों को दिखाने का हमारा मकसद आपको यह बताना है कि इन बच्चों को कितनी वीभत्स हिंसा का शिकार होना पड़ा।
अमेरिका ने कहा है कि मंगलवार को इदलिब प्रांत में असद सरकार द्वारा किए गए रसायनिक हमले की प्रतिक्रिया के तौर पर उसने यह कदम उठाया है। इस हमले में 30 से ज्यादा बच्चे मारे गए। मरने वाले ज्यादातर बच्चे नर्व एजेंट के असर और जहरीली गैस में दम घुटने के कारण नींद में ही मर गए। जब लाश बन चुके इन बच्चों की तस्वीरें मीडिया में आईं, तो इन्हें देखने वाला हर इंसान सिहर गया। बच्चों के कई शव तो ऐसे सजीव दिख रहे हैं कि लगता है अभी जग पड़ेंगे। कई लाशों की आंखें पथरायी सी खुली रह गई हैं। कहा जा रहा है कि इन्हीं तस्वीरों ने ट्रंप का भी मन बदल डाला। इन तस्वीरों पर ट्रंप की नजर मंगलवार सुबह पड़ी। आदमी, बच्चे और महिलाओं का मुंह खुला हुआ था। वे सांस लेने की कोशिश करते हुए मर गए थे। बच्चों के मुंह से निकला झाग सूखकर जम गया था। बच्चों के निर्जीव शरीर जमीन पर बिखरे पड़े थे।