पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने अमेरिका पर दौगुले रवैये का आरोप लगाया है। इन दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी भारत दौरे पर हैं। ऐसे में पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ना लाजमी है। बीबीसी की खबर के मुताबिक अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी के भारत में आतंकवाद को लेकर दिए बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि जब वह वहां होंगे तो कुछ और बयान देंगे जब यहां होंगे तो उनका बयान कुछ और होगा।
भारत दौरे पर आए अमरीकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने कहा था कि पाकिस्तान को चरमपंथियों की पनाहगाहों को ध्वस्त करने के लिए और दबाव बनाने की ज़रूरत है। बीबीसी उर्दू से की गई बातचीत में सरताज अज़ीज़ ने कहा कि जॉन कैरी के बयानों से पाकिस्तान की कोई बदनामी नहीं हो रही है।
अज़ीज़ ने कहा कि अमरीका सहित सारी दुनिया को पता है कि पाकिस्तान ने पिछले तीन वर्षों में आतंकवाद के ख़िलाफ़ तमाम उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन भारत की इच्छा है कि पाकिस्तान को इसका श्रेय न मिले।
सरताज अज़ीज़ का कहना था कि पाकिस्तान शांति के लिए जमात-उद-दावा जैसे संगठनों के ख़िलाफ़ ‘धीरे-धीरे’ कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि जमात-उद-दावा के बारे में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू किया जा रहा है। हाफिज़ सईद, ज़की उर रहमान लख़वी पर प्रतिबंध है, उनके खाते और फंड जुटाने पर प्रतिबंध है।
सरताज अज़ीज़ ने कहा कि पाकिस्तान को इस बात पर निराशा ज़रूर हुई है कि अमरीका सहित दुनिया ने कश्मीर में होने वाली मानव अधिकारों के उल्लंघन की निंदा करने के बजाय उस पर केवल चिंता जताई है। उन्होंने कहा, ”कश्मीर समस्या को दुनिया ने नहीं बल्कि कश्मीरियों ने हल करना है और ‘जो लोग एक बार खून बहाने को तैयार हो जाएं उन्हें कोई नहीं दबा सकता।”