यूपी में तमाम सियासी दलों की नजरे अक्सर मुस्लिमों पर आकर ठहर जाती है। हर कोई मुस्लिम वोट बैंक को लूटने में लगा रहता है। लेकिन सपा में मुस्लिम विधायकों की भरमार होने के बावजूद इसबार सपा के हाथ से मुस्लिम वोट बैंक फिसलता नज़र आ रहा है। वजह है सपा के कुनबे में चल रही कलहबाजी, ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती मुस्लिम वोटों को झटकने में लगी है।
जब यूपी में कांग्रेस की तूती बोलती थी उस वक्त पारंपरिक रूप से मुस्लिम वोट कांग्रेस को जाता था, लेकिन बाबरी विध्वंस के बाद सपा और बसपा ने इस वोट बैंक में सेंध लगा ली। जानकार बताते हैं कि 2012 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुलता वाले क्षेत्रों में सबसे ज्यादा 48 फीसदी सीटें समाजवादी पार्टी ने हासिल की थीं। जबकि 2007 में ऐसे क्षेत्रों में 44 फीसदी सीटें बीएसपी के खाते में गई थीं। इस समय 403 सदस्यों वाली यूपी विधानसभा में 64 मुस्लिम विधायक हैं, जिनमें सपा के विधायक सबसे ज्यादा हैं।
इस समय करीब 65 फीसदी मुस्लिम समाजवादी पार्टी के साथ है। सपा में चल रहे अंतकर्लह की वजह से वो असमंजस में हैं कि आखिर आगामी चुनाव में जाएं तो कहां जाएं। सपा की अंदरूनी लड़ाई का फायदा उठाकर बसपा मुस्लिमों को अपनी ओर आने का न्योता दे रही है लेकिन उसके लिए यह कर पाना इतना आसान नहीं है। बसपा के पुराने नेता छोड़कर जा रहे हैं । पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ करीब 18 फीसदी मुस्लिम थे।
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