नोटबंदी: 500-1000 के नोटों को लेने से अस्पताल ने किया इनकार, नवजात की मौत

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प्रतिकात्मक फोटो।

नई दिल्ली। मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर पर आरोप है कि उसने समय से पूर्व जन्मे एक नवजात शिशु का इलाज करने से इनकार दिया। अस्पताल ने बच्चे का इलाज करने से इसलिए मना कर दिया, क्योंकि उसके पिता के पास सिर्फ 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट थे। समय पर इलाज न मिल पाने की वजह से मासूम की मौके पर मौत हो गई है। इस घटना के बाद पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

जबकि बैंकों में उमड़ी भीड़ को देखते हुए सरकार ने देशभर के अस्पताल, पेट्रोल पंप, रेलवे, मेट्रो काउंटर पर 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को 14 नवंबर रात 12 बजे तक स्वीकार करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोटों को 8 नवंबर की रात 12 बजे के बाद से अमान्य घोषित कर दिया था।

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पुलिस के मुताबिक, 8 नवंबर को शर्मा की गर्भवती पत्नी किरण को सोनोग्राफी समेत कई परीक्षणों के लिए नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। वह करीब 7 दिसंबर को बच्चे को जन्म देने वाली थी। लेकिन, अगले दिन 9 नवंबर को किरण को समय से पहले ही प्रसव पीड़ा होने लगी और उसने उसे अस्पताल ले जाने से पहले ही घर में बच्चे को जन्म दिया। उसके बाद जच्चा-बच्चा को नर्सिंग होम में ले जाया गया।

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नवजात के पिता का आरोप है कि महिला डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज तो किया, लेकिन उसने उसके बाद कहा कि जबतक परिजन 500 रुपये से कम के नोट से 6,000 रुपये जमा नहीं कराएंगे, वह बच्चे का आगे का इलाज नहीं करेगी। परिजनों के मुताबिक, उन्होंने 500 रुपये के नोट बदलवाने के लिए कुछ वक्त मांगा, लेकिन डाक्टर ने इनकार कर दिया और उन्हें वहां से भगा दिया।

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हालांकि, इन आरोपों का खंडन करते हुए अस्पताल की डॉक्टर शीतल कामथ ने कहा कि महिला ने 9 नवंबर को घर पर ही बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे का जन्म शौचालय में हुआ था और उसका वजन 1.5 किलोग्राम था। हमारे पास नवजात बच्चों के लिए आईसीयू की व्यवस्था नहीं है, इसके चलते जच्चा और बच्चा दोनों को सियोन हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। लेकिन, संभवत: उनके परिजन उन्हें घर ले गए और शायद इसी के चलते बच्चे की हालत बिगड़ गई।