मानव तस्करी के दलदल में फंसी बड़ी बेटी को जब बेबस बाप लाख कोशिश के बाद भी नहीं निकाल सका तो छोटी बेटी को उसी दलदल में धकेल दिया. इस अंतिम आस के साथ कि शायद अब बड़ी को इससे मुक्ति मिले. पर पिता का यह दांव भी खाली रहा. हाल ही सीडब्लूसी की पहल से वापस लौटीं बेटियों ने मीडिया को अपनी दास्तान सुनाई.
गुमला जिला में एक परिवार पिछले सात सालों से बुरी तरह से परेशान रहा. दरअसल गांव के ही परिचित ने बहला फुसला कर दलाल के माध्यम से कानपुर में रुप सिंह के घर मोना (बदला नाम) को बेच दिया. वहां मोना से जानवरों की तरह काम कराया जाता था. इसके बदले पैसे तो दूर, दो समय का खाना तक नहीं मिलता. इस बीच पिता जब भी मोना से मिलने आता, मोना को कमरे में बंद कर दिया जाता. वहीं बेबस पिता को बंदूक दिखा कर जान मारने की धमकी दी जाती.
बचाने गई बेटी भी फंसी
बेटी को मुक्त करने की पिता की गुहार पर एक बार गृह स्वामी ने छोटी बेटी की मांग कर दी. लंबे समय से यातना झेल रही बड़ी बेटी को मुक्त कराने की चाहते में छोटी बेटी को पिता खुद वहां ले कर गए. पर जल्लादों ने दोनों को ही रोक लिया.
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