जियो विवाद: एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया पर 3,050 करोड़ रुपये जुर्माने की सिफारिश

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नई कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम को इंटरकनेक्शन सुविधा नहीं देने के मामले में मौजूदा दूरसंचार ऑपरेटरों भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर पर 3,050 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है।

भारती एयरटेल और वोडाफोन पर 21 सर्किलों (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) के लिए 50-50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आइडिया पर 19 सर्किलों में 50-50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई है।

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रिलायंस जियो ने 5 सितंबर से अपनी सेवाएं शुरू की हैं। कंपनी ने ट्राई से संपर्क कर आरोप लगाया है कि मौजूदा कंपनियां उसे पर्याप्त संख्या में इंटरकनेक्शन पोर्ट उपलब्ध नहीं करा रही हैं जिसकी वजह से उसके नेटवर्क पर कॉल विफल हो रही हैं।

नियामक ने दूरसंचार विभाग से इन तीन बड़ी कंपनियों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। ट्राई ने पाया है कि ये ऑपरेटर लाइसेंस शर्तों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं।

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ट्राई ने कहा कि ‘‘इंटरकनेक्शन उपलब्ध न कराने का गुप्त मकसद प्रतिस्पर्धा में बाधा डालना है और यह उपभोक्ता विरोधी है।’’ नियामक ने इन कंपनियों के दूरसंचार लाइसेंसों को रद्द करने की सिफारिश इस वजह से नहीं की है कि इससे उपभोक्ताओं को भारी असुविधा झेलनी पड़ेगी।

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रिलायंस जियो का कहना है कि उसके ग्राहकों को एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के नेटवर्क पर 75 प्रतिशत कॉल विफलता झेलनी पड़ रही है। मौजूदा आपरेटरों ने पर्याप्त इंटरकनेक्शन सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है। सेवा गुणवत्ता नियमों के अनुसार इंटरकनेक्ट के बिंदु पर 1,000 में से पांच से अधिक कॉल्स विफल नहीं होनी चाहिए।