नई दिल्ली : पिछले जून 2016 में मुंबई में टाटा समूह के शीर्ष अधिकारियों की एक कांफ्रेंस में जब एक अधिकारी ने पिछला दौर याद करते हुए कहा कि पचास वषों तक टाटा समूह की कमान संभालने वाले जेआरडी टाटा के दौर में स्नेह और प्यार नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने और पुराने लोगों को जोड़े रखने में बड़ी भूमिका निभाता था। इस पर टाटा समूह के हटाये गये चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने तुरंत जवाब दिया कि अब सख्त फैसलों का समय आ गया है।
टाटा समूह से जुड़े लोग मिस्त्री के इस रुख को अभी तक भूल नहीं पाये हैं। इसके बाद सितंबर में मिस्त्री ने समूह की आंतरिक वेबसाइट को दिये इंटरव्यू में भी कहा कि चुनौतीपूर्ण हालात से निपटाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। टाटा समूह बेहतर प्रदर्शन कर सकता है लेकिन इसके लिए सख्ती की आवश्यकता है। समूह से जुड़े लोगों का कहना है कि धीरे-धीरे मिस्त्री अपने असली रंग में आने लगे और टाटा समूह का काम करने का तरीका बदलने लगे।
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