खबरों के अनुसार मिस्त्री को हटाने की पटकथा पहले ही तैयार हो गई थी। मिस्त्री को हटाने के लिए कई महीनों पहले ही फैसला ले लिया गया था।सूत्रों के अनुसार जापानी टेलीकॉम कंपनी एनटीटी डोकोमो से कानूनी लड़ाई हारने ने मिस्त्री के बचे-खुचे अवसर भी खत्म कर दिए। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने टाटा को 1.17 बिलियन डॉलर रुपये डोकोमो को चुकाने को कहा था।
वहीं टाटा स्टील के ब्रिटेन स्थित प्लांट को बेचने का फैसला भी बोर्ड को नागवार गुजरा। रतन टाटा ने खुद इस यूनिट के लिए बातचीत की थी। वहीं मिस्त्री जेएलआर-जगुआर लैंड रोवर में भी नया निवेश नहीं ला पाए। शिकागो में कंपनी की होटल बेचने के फैसले ने भी मिस्त्री के भविष्य का तय कर दिया था। खबरों के अनुसार ब्रिटेन में रतन टाटा ने जो साख बनाई थी साइरस मिस्त्री उसे खो रहे थे। नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले टाटा ग्रुप की दो कंपनियों के अलावा बाकी सब कमाई के लिए जूझ रही हैं।