दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने यूपीए सरकार के दौरान बनाई गई कंपनी जीएसटी नेटवर्क में निजी कंपनियों के बड़ी साझेदारी पर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि जीएसटी का हिसाब-किताब और उसे एकत्रित करने की जिम्मेदारी सरकारी ढांचे को दिया जाना चाहिए।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में स्वामी ने कहा है कि जीएसटीएन पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। साथ ही इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि ऐसी संवेदनशील सूचनाएं बिना किसी सुरक्षा मंजूरी के निजी कंपनियों को कैसे दी जा सकती हैं।
जीएसटी कंपनी के मालिकों का ब्योरा देते हुए उन्होंने बताया कि नए कानून के मुताबिक यही कंपनियां जीएसटी कर का हिसाब रखेंगी और यही उन्हें जमा कर उन पर अपना पूरा नियंत्रण भी रखेंगी। केंद्र और राज्य की सरकारों की संयुक्त रूप से इसमें हिस्सेदारी केवल 49 फीसद ही होगी। जबकि शेष हिस्सेदारी निजी कंपनियों जैसे एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक और एलआइसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड की होगी।
उन्होंने पत्र में पीएम को बताया है कि यह वह निजी कंपनियां हैं जिनमें विदेशी हिस्सेदारी भी है। एलआइसी हाउसिंग में 59 फीसद विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी है। इसमें आबूधाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी, बैंक ऑफ मसकट आदि प्रमुख हैं।