नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक छात्र नजीब अहमद के लापता होने को लेकर बुधवार(19 अक्टूबर) की शाम से छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। प्रदर्शन उस वक्त गंभीर हो गया जब आंदोलनकारी छात्रों ने कुलपति और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशासनिक भवन में बंद कर दिया। वहीं, बताया जा रहा है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा से भी बात की है।
विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा कि ‘‘हम इमारत के भीतर दिन में 2.30 बजे से बंद हैं। हमारे साथ एक महिला सहकर्मी भी हैं जो अस्वस्थ हो गईं है, क्योंकि उनको मधुमेह है।’’ दूसरी ओर, जेएनयू के छात्रों ने अपने रूख का बचाव करते हुए दावा किया कि ‘किसी को अवैध रूप से बंधक नहीं बनाया गया।’
दूसरी तरफ, पुलिस विश्वविद्यालय परिसर के बाद बाहर मौजूद है और अंदर दाखिल होने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रही है। इसी मुद्दे पर बुधवार दोपहर शाम पांच बजे के बाद से जेएनयू के छात्रों ने यूनिवर्सिटी के अंदर और बाहर भी प्रदर्शन किया था, जिसमें छात्रों ने आरोप लगाया था कि नजीब को ढूंढने में जेएनयू प्रशासन और पुलिस लापरवाही बरत रही है।
जिसके बाद नारेबाजी करने और प्रदर्शन करने के बाद छात्रों ने प्रशासनिक भवन के द्वार को बंद कर दिया। सुरक्षा बलों की तरफ से हस्तक्षेप के बाद द्वार खोले गए, लेकिन शाम में ज्यादातर कर्मचारियों के जाने के बाद छात्रों ने एकबार फिर नाकेबंदी कर दी। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस मसले पर प्रशासनिक अधिकारी और छात्रों के बीच बातचीत भी चल रही हैं।
आगे पढ़ें क्या है मामला?