अखिलेश से मतभेद नहीं
शिवपाल ने कहा कि पार्टी में न तो कोई मुसीबत है और न ही संवादहीनता है। सीएम ने जब समय मांगा उन्होंने समय दिया और नेताजी से जब चाहा तब बात हुई। कोई व्यक्ति पद से बड़ा होता है और न ही छोटा होता है। कर्म बड़ा बनाते हैं। नेताजी ने मुझे संगठन और अखिलेश को सरकार की जिम्मेदारी दी है। अखिलेश सीएम हैं और यह मुझे स्वीकार है।
उन्होंने कहा कि अभी भी वह मंत्री हैं। जो विभाग उनसे लिए गए उनमें जो उन्हें करना था वह कर चुके थे। अब चुनाव में एसपी की फिर सरकार बनाने में जुटना है। एक सवाल पर शिवपाल ने कहा कि वह संगठन और सरकार दोनों ही चलाने में सक्षम हैं। संगठन के लिए वह हर कुर्बानी देने को तैयार हैं।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती की नेताजी को संन्यास लेने की सलाह पर शिवपाल ने कहा कि मायावती अपनी पार्टी देखें। उनकी राय लेना जरूरी नहीं है। एसपी मायावती की राय से नहीं चलेगा। उनसे पूछा गया कि इस पूरे मामले की स्क्रिप्ट किसने लिखी? शिवपाल का जवाब था ‘वक्त ने।’