नोटबंदी का साइड इफेक्ट: कालाधन हो गया सफेद, बैंकों के पास कैश नहीं, ट्रेड और निवेश गिरा। पढ़िए पूरी रिपोर्ट

0
नोटबंदी
Prev1 of 4
Use your ← → (arrow) keys to browse

दिल्ली: नोटबंदी की घोषणा के दो महीने होने को हैं। सरकार अपने इस कदम को कालेधन के खिलाफ बता रही है और इसके कामयाबी के लिए अपनी पीठ भी थपथपा रही है। जबकि विपक्ष इसे एक जनविरोधी कदम बता रहा है। कांग्रेस, ममता और माया इस मुद्दे पर लगातार अपना विरोध जता रहा है।

इसे भी पढ़िए :  UN की रिपोर्ट ने सरकार को दी राहत, भारत का विकास दर 7.7 फीसदी रहने का अनुमान  

सरकार का कहना है कि जो नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं वो कालेधन के राजनीतिक पुजारी है। जबकि जनता नौटबंदी के मुद्दे पर सरकार के साथ है और इसका उदाहरण है निकाय चुनाव। जहां बीजेपी की जीत हुई है।

इसे भी पढ़िए :  यूपी चुनाव में नहीं होगा नोटबंदी का कोई असर, 10% और महंगा होगा चुनाव प्रचार

 

कुछ इसी तरह की बातें पीएम मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी कहे हैं। इन्होंने कहा कि तकलीफ के बावजूद आम लोगों ने नोटबंदी को दिल से स्वीकार किया है।

बीबीसी के अनुसार प्रधानमंत्री के संबोधन की जानकारी मीडिया को देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “उन्होंने एक बात कही, हमारे समाज की एक परंपरा है कि वो अपने अंदर की ताक़त को पहचानता है और इससे बुराई के ख़िलाफ़ लड़ने की प्रेरणा मिलती है।”

इसे भी पढ़िए :  मध्यप्रदेश में सरकार के दावों के उलट 13 साल में सिर्फ दो सेज शुरू हो पाया
Prev1 of 4
Use your ← → (arrow) keys to browse