जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। हमले के वक्त बस में मौजूद योगेश प्रजापति ने न्यूज चैनल आजतक से बातचीत में बताया कि बस के दाहिने तरफ से हमला किया गया और उस तरफ काफी अंधेरा था। प्रजापति के मुताबिक जैसे ही हमला हुआ ड्राइवर सलीम ने बस वहां से तेज कर ली और काफी आगे जाकर एक चौक पर बस रोकी। गौरतलब है कि यह बस गुजरात के वलसाड से गई थी और सभी यात्री गुजरात के ही थे।
‘वलसाड के ओम ट्रैवल्स की बस नंबर GJ09Z9976 2 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुई थी। इस बस के मालिक जवाहर देसाई हैं। अमरनाथ के दर्शन करने के बाद लौट रही बस पर हुए हमले में घायल लोगों में उनके बेटे हर्ष देसाई भी शामिल थे।’
हर्ष ने एक अखबार को बताया कि हम श्रीनगर से शाम 6:30 बजे चले। हमारी तीन बसें थीं। 30-35 किमी बाद हमारी बस पीछे रह गई। तभी अचानक तीन तरफ से हमारी बस पर अंधाधुंध गोलियां चलने लगीं। इसके बाद हम डर के मारे सीटों के नीचे छुप गए। सिर्फ चीखने की आवाजें सुनाई दे रही थीं। कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। तभी दो गोली मुझे चीरती निकल गईं, एक हाथ और दूसरी कंधे पर। लगा आज जिंदगी का आखरी दिन है। डर के माहौल में यह सब कितनी देर चला पता नहीं। फिर फायरिंग की आवाज थम गई। आर्मी के लोगों ने आकर हमें श्रीनगर अस्पताल में पहुंचाया। मैं और मेरे पिता सलामत हैं।