गौकशी की सूचना पर गांव शेरपुर में दबिश देने पहुंची पुलिस को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पडा। इस दौरान फायरिंग में दो बच्चों को छर्रे लगे, इसके अलावा कई अन्य लोग घायल हो गये। कई पुलिसकर्मी भी पथराव व फायरिंग में चोटिल हुए। एक बच्चे की आंख में पत्थर लगने से गहरी चोट लगी।
इसके बाद पुलिस के अपनी जान बचाने के लिए वाहन छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा। भीड़ ने पुलिस पर जमकर पथराव भी किया। गांव वालों का आरोप है कि झूठी सूचना पर पुलिस ने ग्रामीणों के साथ अभद्रता की और मार-पिटाई की। गांव वालों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए। एसएसपी अनंतदेव सिंह ने बताया कि घटना के बाद भारी बल के साथ पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।
गौकक्षी का था शक
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम को शेरपुर के इस्लाम और हसरत के यहां पहुंची और घर में गो कशी किए जाने की बात कही। इस पर इस्लाम ने एतराज जताते हुए घर में बन रही आलू और गोभी की सब्जी पुलिस के सामने कर दी और इफ्तार के वक्त घर में आने पर एतराज जताया।
ऐसे पुलिस ने मारा था छापा
चुपचाप बताओ कहां है गोश्त पड़ोस के कुछ और लोग भी और पुलिस की इस कार्यशैली पर सवाल उठाए जिस पर पुलिस ने घर में बन रही आलू गोभी की सब्जी आंगने में फेंकते हुए कहा कि चुप चाप बताओ कि गोश्त कहां हैं ? गोश्त ना देख पुलिस ने चूल्हे पर रखी सब्जी को खोलकर देखना शुरू कर दिया जिससे मामला बढ़ गया। इस पर ग्रामीण भड़क गए और पुलिस को दौड़ा लिया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस की इस कार्रवाई में कई बच्चे और युवा घायल हो गए। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस के आलाधिकारी भारी पुलिस फोर्स के साथ कैम्प किये हुए है।