योगी सरकार की लुटिया डुबोने में लगे सरकारी अधिकारी, साबुन-शैंपू से धो रहे हैं CM की ‘बढ़िया’ छवि!

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यूपी का हाल अजब है..यहां सरकारी नुमाइंदे ही सरकारी की लुटिया डुबोने में लगे हुए हैं। ये कोई न कोई ऐसा कारनामा कर डालते हैं कि बदनामी का दंश सीएम योगी आदित्यनाथ को झेलना पड़ जाता है। कांड ये सरकारी अधिकारी करते हैं और किर-किरी सीएम साहब को झेलनी पड़ जाती है। अब जरा गौर से पढ़िए इनके एक और कारनामे की दिलचस्प कहानी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कुशीनगर के मैनपुर कोट गांव का दौरा किया। ये भी खबर थी कि वह मुसहर बस्ती का भी निरीक्षण करेंगे।

ऐसे में मुख्यमंत्री के आने से पहले यहां साबुन, शैंपू और सेंट बांटे गए। प्रशासन के आला अधिकारियों ने इस दलित बस्ती के लोगों से कहा कि मुख्यमंत्री के पास जाना तो नहा-धोकर, पाउडर लगाकर जाना। उन्हें मुख्यमंत्री के दौरे से पहले साफ-सुथरा रहने की हिदायत दी गई है। ताकि उनकी दयनीय दशा सीएम के सामने दिख न सके।

वहीं,  गांव वालों की मानें तो विकास से कोसों दूर रहे इस गांव में मुख्यमंत्री के आने की खबर मिलते ही अधिकारियों ने इस गांव की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया। सड़क-खड़ंजा तो ठीक ही किया गया, साथ ही लोगों के लिए शौचालय भी बनवाए गए। लोगों के घरों के अंदर भी साफ सफाई करवाई गई। बिजली की व्यवस्था भी हुई।

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साथ ही कहा कि सीएम से मिलने से पहले आप लोग साबुन-शैंपू से नहाएं और पाउडर-सेंट लगाकर ही सीएम के सामने जाएं।  मुसहर समुदाय के एक बुजर्ग ने नवभारत टाइम्स अखबार को बताया कि अधिकारियों ने उन्हें खुशबुदार साबुन, शैंपू और सेंट दिया और कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने से पहले इनसे नहा लेना और सेंट लगा लेना।

गौर करने की बात ये है कि मुसहर टोला के लोगों के बदन पर कपड़ा तक नहीं है। रहने के लिए घास फूस की झोंपड़ी। अगर इसके भीतर झांककर देखिएगा, तो बर्तन और हांडी के नाम पर 500 रुपये से ज्यादा का सामान नहीं होगा।

इस बस्ती में शायद ही कोई ऐसी झोपड़ी हो, जहां किसी के पास सौ रुपये नगद हो और कुल संपत्ति हजार रुपये से ज्यादा, लेकिन योगी के अधिकारी इन्हें नहाने के लिए साबुन और शैंपू पकड़ा गए। कपड़ा धोने के लिए घड़ी साबुन और बाल धोने के लिए क्लिनिक प्लस शैंपू।

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कुशीनगर की इस बस्ती के हर व्यक्ति के लिए यह अजूबा है। जिनकी जिंदगी चूहे को पकड़ मार के खाने में गुजर गई। नंग धड़ंग रहते हुए कभी दो जून की रोटी एक साथ किसी झोपड़पट्टी में आई नहीं, लेकिन राज्य के मुखिया योगी आदित्यनाथ आने वाले हैं तो साबुन और शैंपू इन हाथों में जरूर पहुंच गया।

इससे पहले भी हुई ऐसी घटनाएं

इससे पहले भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था यूपी के बांदा से जहां सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे से पहले यहां के प्राथमिक व जूनियर स्कूल में बच्चों को नए बस्ते बांटे गए थे। साथ ही एक्स्ट्रा क्लास लगाकर उन्हें पढ़ाया भी गया था। लेकिन जब सीएम का स्कूल आने का प्रोग्राम कैंसिल हो गया तो सभी बच्चों से बैग छीन लिए गए।

इससे पहले देवरिया में शहीद के घर योगी आदित्यनाथ का दौरा विवादों में घिर गया था। शहीद हेड कॉन्स्टेबल प्रेम सागर के घर में विंडो एसी, सोफा और कालीन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के मद्देनजर लगाया गया था और उनके वापस लौटते ही सारा सामान हटा लिया गया। सागर के परिवारवालों ने बताया कि उनके जाते ही प्रशासन ने सब कुछ हटा लिया। वे सब ये सब देखकर हैरत में रह गए।

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सीएम के दौरे से पहले सागर के घर पर नए परदे लगे, बेड, सोफा, एसी सब लगाया गया, लेकिन उनके जाते ही सब हटा लिया गया। मुख्यमंत्री के आगमन के एक दिन पहले गांव की गंदी सड़कों को साफ किया गया। नालों को बंद किया गया। वैसे वे खुले रहते हैं। हेड कांस्टेबल सागर एक मई को जम्मू कश्मीर के पुंछ में नियंत्रण रेखा पर शहीद हो गए थे।

एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ को जनता के मसीहा और जमीन से जुड़े नेता के तौर पर देखा जाता है। दूसरी तरफ सरकारी मुलाजिम ऐसे कारनामों को अंजाम देकर सीएम की शान में बट्टा लगाने से नहीं चूकते। जाहिर है अपनी खामियां छिपाने के लिए ये अधिकारी सीएम के दौरे से पहले कुछ ऐसा कर देते हैं ताकि मुख्यमंत्री को प्रदेश की असल हकीकत से दूर रखा जा सके। सवाल ये है कि क्या ये खबर सीएम साहब के कानों तक नहीं पहुंचतीं। अगर हां…तो आखिर ऐसे अधिकारियों पर योगी कोई एक्शन क्यों नहीं लेते।