नई दिल्ली। याचिका दायर किए जाने के दस वर्ष बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार(26 अगस्त) को 2003 की पीएससी परीक्षा में गड़बड़ी की बात को स्वीकार किया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को मानव विज्ञान के दोनों पेपर का एक नियम बनाकर कोर्ट की निगरानी में जांच करने और रिस्केलिंग के बाद मैरिट सूची तैयार कर फिर साक्षात्कार लेने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने आदेश देते हुए कहा कि चयन में बड़े पैमाने पर धांधली और मेधा सूची में फर्जीवाड़े के आरोप थे। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2003 में राज्य प्रशासनिक सेवा के डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत 147 अन्य सरकारी पदों के लिए परीक्षा लेकर चयन सूची जारी की थी।
हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य के विभिन्न जिलों में पदस्थ कई डीएसपी व डिप्टी कलेक्टरों की नौकरी खतरे मेें आ गई है। इस फैसले से यह तय माना जा रहा है कि अगले दो महीने में 13 साल से नौकरी कर रहे कई डीएसपी को अपनी वर्दी तो कई डिप्टी कलेेक्टरों को अपनी कुर्सी छोडनी पड़ेगी।