आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि बॉक्स आफिस पर नई फिल्मों के लगातार फ्लॉप होने से निर्माताओं के साथ-साथ एक सरकारी डिपार्टमेंट में भी मायूसी छा जाती है। बॉक्स आफिस पर अगर फिल्में कमाई नहीं कर पाती है, तो एंटरटेनमेंट टैक्स वसूलने वाले सरकारी अफसरों की टेंशन भी बढ़ जाती है।
अगर दिल्ली, यूपी और हरियाणा की बात करें, तो हर नई फिल्म से होने वाली टोटल कमाई में से दिल्ली सरकार को 40 फीसदी, हरियाणा सरकार को 30 फीसदी और यूपी सरकार को सबसे ज्यादा 30 से 65 फीसदी तक टैक्स मिलता है। ऐसे में बीते साल की दूसरी छमाही में अगर अक्षय कुमार स्टारर ‘रुस्तम’, शाहरुख खान और आलिया भट्ट की ‘डियर जिदंगी’, करण जौहर की ‘ऐ दिल है मुश्किल’ और अजय देवगन की ‘शिवाय’ को छोड़ दिया जाए, तो बाकी बची अस्सी से ज्यादा फिल्में टिकट खिड़की पर चारों खाने चित्त हो गई थीं।
अगर उससे पहले की बात की जाए, तो सलमान खान की ‘सुल्तान’ ने बॉक्स ऑफिस पर बंपर कामयाबी हासिल कर थोड़ी लाज रख ली थी। पिछले साल राज्य सरकारों के खजाने में सबसे ज्यादा एंटरटेनमेंट टैक्स जहां ‘सुल्तान’ की रेकॉर्ड कामयाबी की वजह से इकट्ठा हुआ, तो वहीं दूसरी छमाही की बाकी बची चारों हिट फिल्मों की टोटल कमाई में से अलग अलग राज्यों के मनोरंजन कर विभाग के पास औसतन 8 करोड़ से लेकर 27 करोड़ तक की मोटी रकम जमा हुई।
भरोसे पर खरे उतरे आमिर खान
नोटबंदी के बाद बॉक्स ऑफिस पर जिस तरह से फिल्मों के पिटने का सिलसिला चल पड़ा था, उससे कई सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों पर ताला लगाने की नौबत आ गई थी और हर कोई क्रिसमस पर आमिर खान की ‘दंगल’ से उम्मीदें लगाए बैठा था, जिनकी पिछली फिल्म ‘पीके’ ने 300 करोड़ से ज्यादा की कमाई करके बॉक्स ऑफिस के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए थे। आखिरकार आमिर इस बार भी दर्शकों से लेकर सिनेमाघर मालिकों और डिस्ट्रिब्यूटर्स तक के भरोसे पर खरे उतरे। बीते तीन हफ्तों से दिल्ली, यूपी और हरियाणा में आमिर खान स्टारर ‘दंगल’ को बॉक्स ऑफिस पर मिली रेकॉर्ड कामयाबी से सरकार का खजाना भी खूब भर रहा है, क्योंकि फिल्म की कमाई में में से मोटा हिस्सा राज्य सरकारों को एंटरटेनमेंट टैक्स के तौर पर मिल रहा है। यह आलम तब है, जबकि इन तीनों राज्यों ने इस फिल्म को टैक्स फ्री घोषित किया हुआ है। यह और बात है कि दो हफ्ते बाद भी कई सिनेामघरों में अब भी इस फिल्म के टिकटों की पूरी कीमत वसूली जा रही है।
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