बरेली : तीन तलाक और समान नागरिक संहिता को लेकर सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का मरकज कहलाने वाली दरगाह आला हजरत से बड़े आंदोलन के स्वर फूट रहे हैं। शरीयत की हिफाजत के लिए देश भर में आंदोलन की बात हो रही है। हुजूर मुफ्ती आजम के उर्स-ए-नूरी के मौके पर इस बात का अहसास भी हुआ। उलमा तीन तलाक को एक मानने और सभी मजहब के लिए समान नागरिक संहिता कुबूल करने को जरा भी तैयार नहीं हैं। इस मसले पर वे सरकार से दो-दो हाथ करने की चेतावनी दे रहे हैं। यहां तक कह रहे हैं, जैसे नसबंदी का विरोध हुआ था, वैसे ही तीन के बजाय एक तलाक और कॉमन सिविल कोड को लागू नहीं होने देंगे।
जानशीन मुफ्ती आजम ने बयान जारी कर तीन तलाक और कॉमन सिविल कोड पर तीखा विरोध जताया है। दरगाह आला हजरत के प्रवक्ता मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी बताते हैं कि विरोध की बात हो चुकी है। विरोध की शक्ल किस तरह की होगी, यह तय होना बाकी है। महिलाएं भी मुखर हो रही हैं। बज्मे ख्वातीन की अध्यक्ष ने विरोध में हस्ताक्षर अभियान छेड़ने की घोषणा की है।
अगले पेज पर पढ़िए- इस मुद्दे पर अजहरी मियां का क्या कहना है