दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि अब वह एसिड अटैक पीड़ित, जलने वाले लोग और रोड़ एक्सिडेंट में घायल लोगों के इलाज का पूरा खर्चा सरकार उठाएगी। सरकार इन लोगों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में कराएगी। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि मरीजों द्वारा प्राइवेट अस्पताल का खर्चा न उठा पाने के कारण उन्हें सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया जाता है।
इसकी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि इसके पीछे हमारा उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाना है। उन्होंनोे कहा कि पुलिस द्वारा इन पीड़ितों को सरकारी अस्पतालों मे लाने के लिए काफी घंटे बर्बाद हो जाते हैं जिसके कारण लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ जाता है।
सरकार ने दिल्ली के ऐसे 230 प्राइवेट अस्पतालों का चयन किया है जहां पर 20 बेड, अच्छी केयर उनिट्स और हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो कि आपातकालीन मामलों से निपटने में कारगर हैं। जैन ने कहा कि अक्सर प्राइवेट अस्पताल सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को अपने अस्पताल में भर्ती नहीं करते हैं और उन्हें सरकारी अस्पताल में भेज देते हैं। प्राइवेट अस्पताल ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे जाने लेते हैं कि कौन इलाज का खर्चा उठा सकता है और कौन नहीं।
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