पत्थरबाजों पर फूटा महबूबा मुफ्ती का गुस्सा, कहा- मुट्ठी भर लोग कश्मीर में हिंसा के पीछे

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महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में उपद्रव मचा रहे लोगों पर जमकर बरसी हैं। सोमवार को एक सरकारी कार्यक्रम में संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कुछ मुट्ठी भर लोग अपने निजी स्वार्थों के लिए कश्मीर में लोगों को भड़का रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह छोटा तबका राज्य में पीडीपी-बीजेपी के गठबंधन से खुश नहीं है और इसके लिए समस्याएं खड़ी कर रहा है। सीएम ने प्रदर्शनकारियों द्वारा बच्चों का इस्तेमाल करने की भी आलोचना की।

महबूबा ने कठिन समय में घाटी में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए यहां के लोगों का शुक्रिया भी अदा किया। महबूबा ने कहा कि ऐसे लोगों ने 2008 में भी समस्या खड़ी करने की कोशिश की। 2010 में भी माछिल के फेक एनकाउंटर के बाद ऐसे लोगों अवरोध पैदा करना चाहा। महबूबा ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो हंदवारा की घटना को लेकर समस्या खड़ी करने की कोशिश की गई, लेकिन वे सफल नहीं हुए।

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जम्मू-कश्मीर की सीएम ने कहा कि रिटायर्ड सैनिकों और कश्मीरी पंडितों के लिए अलग कॉलोनी का मुद्दा भी समस्या पैदा करने के लिए उठाया गया। उन्होंने कहा कि कश्मीर की बहुसंख्यक आबादी शांति और प्यार से रहना चाहती है।

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महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में चल रहे प्रदर्शनों के दौरान बच्चों को फ्रंट पर रखने को लेकर प्रदर्शनकारियों को खूब खरी-खोटी सुनाई। महबूबा ने कहा, ‘आपको प्रोटेस्ट करना है करो, मगर छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पुलिस चौकियों के अंदर पुलिस वालों से बंदूक छीनते हो, सीआरपीएफ कैंप में बच्चों को लेकर जाते हो और फिर खुद भाग जाते हो। नतीजा ये हुआ कि जब पेलेट गन चली या बंदूक चली तब जिस बच्चे को घरवालों के साथ होने चाहिए, मां के आंचल के नीचे होना चाहिए था, उन्हें लगी।’

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महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राज्य में चल रही हिंसाओं के बाद भी राज्य से बाहर पढ़ रहे कश्मीरी बच्चे सुरक्षित हैं। यह इस बात का सबूत है कि देश के दूसरे हिस्सों में रहने वाले लोग भी कश्मीरियों से प्रेम करते हैं। महबूबा ने जोर देकर कहा कि हिंसा से कभी किसी समस्या का हल नहीं निकला।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अफगानिस्तान, सीरिया और रूस, हर जगह बंदूक का इस्तेमाल हुआ। क्या बंदूकों के इस्तेमाल से कुछ हासिल हुआ? हिंसा केवल तबाही लाती है और कुछ नहीं।