रात के खाने में गायत्री को मसूर की दाल, आलू-गोभी की सब्जी और रोटी दी गई। पहले गायत्री खाने के लिये मना करते रहे लेकिन जेल अधिकारियों के समझाने के बाद उन्होंने सिर्फ दो रोटियां खाईं। रात करीब 11 बजे बेचैन प्रजापति अपने बैरक में सो गए। मिली जानकारी के मुताबिक, गायत्री प्रजापति ज़्यादातर समय जेल में शांत बैठे रहे। कैदियों से बातचीत के दौरान गायत्री ने उनसे जेल की सुविधाओं के बारे में जानकारी लेने की भी कोशिश की।
गौरतलब है कि गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट में मंत्री गायत्री प्रजापति के साथ-साथ अमेठी का लेखपाल अशोक तिवारी, निजी सचिव रूपेश्वर उर्फ रूपेश, प्रजापति का बिजनेस पार्टनर विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह और कानपुर निवासी आशीष शुक्ला भी जेल में बंद है। बताते चलें कि सपा सरकार के एक कद्दावर नेता ने गायत्री को बीमार बताते हुए अस्पताल में भर्ती करवाने की भी कोशिश की, लेकिन उन्हें भी सफलता नहीं मिली।