नई दिल्ली। पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के दो पूर्व सहयोगियों ने दावा किया कि पटेल ने एक नेता के रूप में उभरने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए आरक्षण आंदोलन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया और आंदोलन शुरू होने के एक साल के भीतर ही वह ‘करोड़पति’ बन गया।
हार्दिक के पूर्व सहयोगियों चिराग पटेल और केतन पटेल ने हार्दिक के नाम लिखे एक खुले पत्र में ये आरोप लगाए हैं और यह पत्र पाटीदारों द्वारा चलाए गए आंदोलन में दरार पड़ने का भी प्रतीक है। अपने पत्र में चिराग और केतन ने आरोप लगाया है कि 23 वर्षीय हार्दिक पटेल कोटा आंदोलन शुरू होने के एक साल के भीतर ही ‘करोड़पति’ बन गया।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के दो महत्वपूर्ण सदस्यों ने इस पत्र को सार्वजनिक किया है, उन्होंने हार्दिक के नेतृत्व में आंदोलन को शुरू किया था। समिति के नेताओं ने आरोप लगाया कि नेता बनने की आपकी महत्वाकांक्षा, स्वार्थ और धनवान बनने की लालसा ने समुदाय के साथ ही हमारे आंदोलन को भी नुकसान पहुंचाया।
पत्र में साथियों द्वारा आरोप लगाया गया है कि हमारे समुदाय के लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों की मदद के बजाय आप और आपके मित्र ऐश की जिंदगी जी रहे हैं। आपने और आपके रिश्तेदार विपुलभाई ने शहीदों की मदद के लिए एकत्र किए गए धन से महंगी गाड़ियां खरीद लीं।
चिराग और केतन ने दावा किया कि सामान्य तौर पर जेल में जाने के बाद लोगों के लिए अपनी रोजी रोटी कमाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन आपके मामले में बिल्कुल उल्टा है, क्योंकि आप जेल जाने के बाद करोड़पति बन गए।