गोरखपुर आए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ये घटना गंभीर है। हमारी सरकार संवेदनशील है। मुख्यमंत्री ने हमसे बात की। किसी ने ऑक्सीजन सप्लाई के बारे में नहीं बताया। हर साल अगस्त में बच्चों की मौत होती है। अस्पताल में नाजुक बच्चे आते हैं। साल 2014 में 567 बच्चों की मौत हुई। सीएम के दौरे पर गैस सप्लाई को लेकर बात नहीं हुई। अलग-अलग कारणों से बच्चों की मौत हुई।
ये सरकार संवेदनशील है और एक बच्चे की मौत की जांच की वजह भी हमारे लिए बड़ी है। हम 23 मौतों को कम आंकने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। 2014 से आंकड़े निकलवाए हैं। अगस्त के महीने में बच्चों की मौतें 19 प्रतिदिन होता है। 2015 में 22 और 2016 में प्रतिदिन 19 से ज्यादा है। इसका ये मतलब ये नहीं है कि हम इसे कम आंक रहे हैं पर आगे का निष्कर्ष निकालने के लिए ऐसा कर रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मौतों का आंकड़ा 17 से 18 निकलता है क्योंकि बच्चे यहां कई जगहों से आते हैं।
गैस की कमी से बच्चों की मौत नहीं हुई। ऑक्सीजन सप्लाई का मुद्दा देख रहे हैं। ऑक्सीजन गैस सिलेंडर शाम साढ़े 7 बजे से रात साढ़े 11 बजे तक चले। 11:30 बजे से 01:30 बजे तक सप्लाई नहीं हुई, लेकिन इस दौरान किसी बच्चे की मौत नहीं हुई। ऑक्सीजन की अब कोई कमी नहीं है। व्यवस्था ये रहती है कि लो हो तो गैस सिलेंडर लगे रहते हैं तो उसकी व्यवस्था तुरंत शुरू हो गई थी।