नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार(21 अक्टूबर) को बंबई हाई कोर्ट को बताया कि अभिनेत्री से सांसद बनीं हेमा मालिनी ने एक डांस एकेडमी के लिए राज्य सरकार की ओर से उप-नगरीय अंधेरी इलाके में उन्हें आवंटित की गई जमीन स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
इस बयान के बाद, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व पत्रकार केतन तिरोडकर की ओर से दायर जनहित याचिका का निपटारा कर दिया। तिरोडकर ने अपनी याचिका में अभिनेत्री को मामूली दर पर जमीन आवंटित करने का विरोध किया था।
न्यायाधीशों ने कहा कि सरकारी वकील प्रियभूषण ककाड़े के बयान के बाद जनहित याचिका में कुछ रह नहीं गया है। ककाड़े ने कहा था कि हेमा ने जमीन स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
बहरहाल, अदालत ने तिरोडकर को इस बात की छूट दी कि यदि अभिनेत्री ने आखिरकार जमीन स्वीकार कर ली तो वह फिर से याचिका दाखिल कर सकते हैं। याचिकाकर्ता की वकील साधना कुमार ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून के तहत हासिल जानकारी के मुताबिक अभिनेत्री को मामूली दर पर अंधेरी में जमीन आवंटित कर दी गई थी।
चूंकि यह सूचना सार्वजनिक है, इसलिए याचिका पर सुनवाई की जानी चाहिए, भले ही सरकार ने आज कुछ भी बयान दिया हो। बहरहाल, न्यायालय ने कहा कि ‘‘कार्रवाई की वजह’’ अब बची ही नहीं है।
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