PCPNDT के कारण सुधरा राजस्थान का शिशु लिंगानुपात दर

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PCPNDT के कारण सुधरा राजस्थान का शिशु लिंगानुपात दर

जी हां,राजस्थान में धीरे धीरे शिशु लिंगानुपात दर सुधर रहा है। जिसका श्रेय वहां के PCPNDT क़ानून को जाता है। इस कानून को सही तरीके से लागू करने के लिए PCPNDT ब्यूरो की स्थापना भी की गयी है। जो एक तरह से सीबीआई की तरह काम करता है। इस तरह का ब्यूPरो केवल राजस्थाडन में ही है। अब तक PCPNDT ब्यूरो ने 83 डिकॉय ऑपरेशन किये है जिनमें से 20 पड़ोसी राज्यों में हुए है। हाल ही में पंजाब के मुख़्तसर में एक ऐसा ही सफल decoy ऑपरेशन किया गया था जिसने साबित कर दिया कि अगर पुलिस चाहे तो प्रदेश की सीमा के बाहर हो रहे लिंग जांच को भी रोका जा सकता है।

आईएएस नवीन जैन ने बताया कि एक मुखबिर महिला को राजस्थान के गंगानगर से एक दलाल दंपति पड़ोस में मुख़्तसर लेकर गया था और उनको आश्वासन दिया कि सीमा पार करने के बाद राज्यु की पुलिस उनका पीछा नहीं करेगी। और गर्भवती महिला के भ्रूण की लिंग जांच भी हो जाएगी। इस तरह की लिंग जांच का रेट 30-50 हजार रुपये है। जैसे ही मेडिकल जांच होती है, उसी वक्ता सादा वर्दी में मुखबिर महिला के साथ चल रही पुलिस टीम हरकत में आ जाती है और डॉक्टर, दलाल, तकनीशियन सब रंगे हाथ पकडे जाते है।

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नवीन जैन जिन्हें फिलहाल PCPNDT ब्यूरो का ज़िम्मा भी सौंपा गया है। वो राजस्थान सरकार में नेशनल हेल्थ मिशन के सचिव भी है। उनके मुताबिक, “यह ब्यूजरो कई मायनों में सबसे अलग है। इस ब्यूरो को आईपीसी और सीआरपीसी के सारे अधिकार दिए गए है। इस ब्यू रो को पुलिस स्टेशन भी दिया गया है जो स्वाथस्य्स् भवन के अंदर है। इस पुलिस स्टेशन को पूरे राजस्थान का अधिकार क्षेत्र दिया गया है और गिरफ्तार करने का अधिकार भी है। PCPNDT ब्यूरो ये भी सुनिश्चित करती है कि गिरफ्तारी के बाद केस ढीला नहीं पड़े, इसके लिए हमारे पास क़ानूनी अफसर भी है। हर जिले में मौजूद लीगल अफसर केस पर नजर रखता है। गवाहों को कोर्ट में पेश करना उसकी ज़िम्मेदारी होती है और केस को मजबूत करने की दिशा में वह हर संभव कदम उठाता है।”

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2016-2017 में इस ब्यूरो ने 54 decoy ऑपरेशन्स हुए है जिसमें 154 गिरफ्तारियां हुई है, जिनमें 29 डॉक्टर है। PCPNDT सेल सिर्फ देकय (decoy) ऑपरेशन ही नहीं करता बल्कि राजस्थान में हर सोनोग्राफी मशीन पर नज़र रखता है। यहां हर मशीन में GPS और ट्रैकर लगा रहता है। मशीन के अंदर सोनोग्राफी कितने हुए, उसका रिकॉर्ड ट्रैकर रखता है।

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सामाजिक कार्यकर्ता के अनुसार, अब भी लोगों का सोच नहीं बदला है। सामाजिक कार्यकर्ता राजन चौधरी ने जो सालों से राजस्थान के झुंझुनू में भ्रूण हत्या रोकने के लिए काम कर रहे है। उनके मुताबिक, “लोगों की सोच में विशेष बदलाव नहीं आया है, यह सब एक्ट क्रियान्वकयन के कारण ही हुआ है। 6000 लोग जो इस रैकेट में थे अब उनकी संख्या घटकर सिर्फ 1000 रह गई है। ये मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि क़ानून अपना काम कर रहा है। लेकिन सोच बदलने में वक़्त लगेगा।”

2011 में राजस्थान का लिंग अनुपात 1000 लड़कों के मुकाबले सिर्फ 888 लड़कियों थी। लेकिन पिछले 3 साल में इसमें बदलाव आया है। अस्पताल में जन्मे बच्चों के आंकड़े बताते है कि अब बच्चियों की संख्या 900 से ज़्यादा हो गयी है।

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Source: ndtv india