दिल्ली:
अलगाववादियों के प्रति झुकाव रखने वाले विवादास्पद निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल रशीद ने आज यहां केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान का एकमात्र तरीका नियंत्रण रेखा के दोनों ओर ‘जनमत-संग्रह’ कराना है।
रशीद के नेतृत्व में उनकी अवामी इत्तिहाद पार्टी के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री से मुलाकात की।
पार्टी के एक प्रवक्ता के अनुसार रशीद ने कहा कि भारत सरकार को समझना चाहिए कि जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालना और हल निकालने से बचना ही एकमात्र वजह है जिसकी वजह से 1947 से जम्मू कश्मीर में हिंसा होती रही है।
प्रवक्ता के अनुसार विधायक ने दावा किया कि आत्मनिर्णय का अधिकार मांगना भारत के संविधान का उल्लंघन नहीं है और यह अलगाववाद भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि किस तरह जम्मू कश्मीर की सरकारों ने समय समय पर वादे तोड़े और आरोप-प्रत्यारोप का खेल ख्ेाला।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम जम्मू कश्मीर के विवाद को सुलझाने की बात करते हैं तो हम यह कभी सांप्रदायिक आधार पर नहीं कहते बल्कि हम मानते हैं कि जम्मू कश्मीर के दोनों हिस्सों और लद्दाख की जनता को आत्मनिर्णय का अधिकार होना चाहिए और इस मुद्दे को समग्र तरीके से देखा जाना चाहिए, न कि क्षेत्रीय, धार्मिक या जातीय आधार पर।’’ प्रवक्ता के मुताबिक रशीद ने सिंह को याद दिलाया कि जिस नेहरू गेस्ट हाउस में गृह मंत्री विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात कर रहे हैं, उसी जगह केंद्र ने पांच उग्रवादी कमांडरों से बात की थी।
रशीद ने कहा, ‘‘इसलिए भारत सरकार के पास विवाद के समाधान के लिए उग्रवादियों समेत वास्तविक प्रतिनिधियों से बात नहीं करने को जायज ठहराने का कोई तर्क नहीं है।’’