शुक्रवार को 12.30 बजे हबीबगंज स्टेशन पर बम की सूचना मिलने से करीब दो घंटे तक अफरा-तफरी का मबाहौल रहा। बम प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर खड़ी खाली एलटीटी-हबीबगंज एक्सप्रेस की बोगी नंबर-11 में होना बताया गया। शक उस वक्त और गहरा गया जब आरपीएफ का स्पेशल डॉग ‘टेप लगे प्लास्टि के पाइप’ के सामने बैठ गया।
आनन-फानन में स्टेशन पर अलर्ट जारी किया गया और बम डिस्पोजल दस्ते को बुला लिया गया। जीआरपी के जवानों ने तत्काल प्लेटफाॅर्म नंबर तीन खाली कराया। हबीबगंज की सेकंड एंट्री और मेन गेट से आने वाले यात्रियों को प्लेटफाॅर्म की तरफ न जाने की सलाह दी गई। जीआरपी, आरपीएफ, बम स्क्वॉड ने जांच शुरू की । यह ट्रेन हर दिन शाम को हबीबगंज से एलटीटी मुंबई के लिए जाती है व अगले दिन सुबह 5 बजे हबीबगंज लौटती है।
हालांकि जांच में कुछ भी नहीं मिला। ये महज़ एक अफवाह ही थी। दरअसल सुबह 11 बजे एस-11 कोच की सफाई कर रहे अनिल सूर्यवंशी को लोअर बर्थ के नीचे एक रॉड मिली, जिसे प्लास्टिक के पाइप में भरकर रखा गया था। दोनों ओर टेप लगा था। सफाईकर्मी ने जीआरपी को इसकी जानकारी दी।
सफाईकर्मी अनिल सूर्यवंशी ने बताया कि जब मैं कोच में झाड़ू लगा रहा था तो कुछ टकराया। सीट के नीचे देखा तो संदिग्ध वस्तु दिखाई दी। कुछ देर के लिए मेरी भी सांस थम गई थी। पहले तो समझ नहीं आया कि क्या करूं, किसको बताऊं। दौड़कर जीआरपी स्टाफ के पास गया। पहले तो वो भी घबराए गए। उसके बाद मैं फिर से दौड़कर एस-11 कोच में गया। बर्थ के नीचे रखे सामान को उठाया। जब तक जवानों ने प्लेटफाॅर्म खाली कराना शुरू कर दिया था। संदिग्ध सामान प्लेटफाॅर्म पर रखा। इसके बाद सब दूर हो गए। समझ नहीं आ रहा था कि क्या है इसके भीतर। जब बाम स्क्वॉड ने जांच तो पता चला कि उसमें रॉड है।