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पिछले साल ऊना में गो हत्या का शक होने पर कुछ लोगों ने दलितों की पिटाई कर दी थी। इसके बाद देश भर में इस घटना की काफी निंदा हुई थी। देश भर में कई जगहों पर इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया था।
2011 में कानून में जो संशोधन किया गया था, उसके मुताबिक गोकशी के दोषियों के लिए अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान किया गया था। उसी कानून में संशोधन के तहत उम्रकैद का प्रावधान किया गया है। नए कानून में जुर्माने की राशि को 50 हजार से बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है और इसके तहत एक लाख से पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान नए कानून में किया गया है।
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