हजार पांच सौ के नोट क्या बंद हुए शौकीन लोगों ने शराब की दुकानों से मुंह ही मोड़ लिया। सूरज ढलने के बाद शराब की दुकानों पर नशे के शौकीन लोगों की भीड़ व लाइनें दिखनी कम हो गयी हैं। अब दुकानों पर इक्का दुक्का ग्राहक ही आ रहा है। जिले का आबकारी विभाग भी परेशान है क्योंकि उसके राजस्व में भी भारी गिरावट हो रही है। वैसे आठ नवंबर की रात को जब प्रधानमंत्री ने पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाया था तब रात साढ़े आठ बजे से रात 11 बजे तक लोगों ने पुराने नोटो से काफी मात्रा में शराब खरीदी थी लेकिन जो लोग चूक गए थे वह अब पैसे न होने की वजह से शराब की दुकानों पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जिला आबकारी अधिकारी देवराज सिंह ने सोमवार (14 नवंबर) को बताया कि नौ नवंबर से शराब की बिक्री में करीब चालीस फीसदी की कमी है। आम दिनों में कानपुर शहर में रोज करीब 21 हजार बोतल अंग्रेजी शराब, 40 हजार बोतल बियर तथा करीब 35 हजार लीटर देशी शराब की बिक्री होती थी। इस तरह हम प्रति महीने औसतन करीब सात लाख बोतल अंग्रेजी शराब, करीब 12 लाख बोतल बियर और करीब 15 लाख लीटर देशी शराब की बिक्री करते थे ।
यह आंकड़े किसी महीने कम हो जाते थे तो किसी त्योंहार या शादी आदि के सीजन में बढ़ जाते थे। उन्होंने बताया कि जबसे पुराने नोटों पर रोक लगी है तब से शराब की दुकानों पर सन्नाटा छाया हुआ है और शराब की बिक्री में करीब 40 प्रतिशत कमी आई है। जब शराब की बिक्री कम होगी तो सरकार को राजस्व भी कम मिलेगा, क्योंकि नए नोट से अभी शराब खरीदने वालों की संख्या बहुत ही कम है और पुराने नोट न लेने के निर्देश सभी शराब की दुकानों पर दे दिए गए हैं। आबकारी अधिकारी देवराज सिंह के मुताबिक शराब की बिक्री सामान्य होने में अभी करीब एक महीने का समय लगेगा क्योंकि जब लोगों के पास नए नोट ही नहीं होंगे तो लोग शराब कहां से खरीदेंगे। वह कहते है कि इससे आबकारी विभाग को राजस्व की काफी हानि सहनी पड़ेगी।