नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट ने सोमवार(19 दिसंबर) को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के एक मस्जिद में चल रही शरई अदालत पर प्रतिबंध लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को भी यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि ऐसे स्थलों पर कोई न्यायिक मंच न हो और चार हफ्तों में इस पर स्थिति रिपोर्ट सौंपी जाए।
कोर्ट ने यह फैसला अनिवासी भारतीय अब्दुर रहमान की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिया। याचिकाकर्ता के मुताबिक, शरई परिषद किसी अदालत की तरह से काम कर रही थी। रहमान अपनी छोड़ चुकी पत्नी के साथ फिर से रहना चाहते थे। लेकिन शरई परिषद उन पर तलाक देने के लिए दबाव डाल रहे थे।
इसके बाद उन्होंने कोर्ट का रूख किया। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि धर्मस्थलों का इस्तेमाल सिर्फ धार्मिक उद्देश्य व कामकाज के लिए ही किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी जगहों पर अदालतें नहीं चलें।