जोधपुर की ऐतिहासिक तूरजी का झालरा बावड़ी में गिरने से सेना के मेजर की मौत हो गई। मेजर और उनके साथी होली दहन के बाद रात को यह बावड़ी देखने गए हुए थे। इस दौरान सेल्फी लेते वक्त मेजर का पैर फिसल गया और वो सीधे बावड़ी में जा गिरे। 100 फिट ऊंचाई से 150 फिट गहरे पानी में गिरने के बाद मेजर की मौत हो गई।
दरअसल मेजर बावड़ी के किनारे खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे। उसी समय उनका पांव फिसला और वह बावड़ी में गिर पड़े। करीब 16 घंटों के अथक प्रयास के पश्चात सेना के गोताखोरों ने बावड़ी से मेजर का शव बाहर निकाला।
एसएचओ (कोतवाली) इंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस देहरादून से उनके परिजनों के पहुंचने का इंतजार कर रही है। मेजर द्विवेदी की तैनाती यहां जोधपुर मिल्रिटी स्टेशन में सिग्नल कोर में थी। सिंह ने बताया कि शहर में होलिका दहन मनाने के बाद उन तीनों ने गेस्ट हाउस में डिनर किया और कल आधी रात प्राचीन बावड़ी घूमने के लिए चले गये जो शहर में पर्यटकों के लिए आकषर्ण का केंद्र है।
उन्होंने बताया कि जब वे तीनों उस बावड़ी में नीचे उतर रहे थे तभी मेजर द्विवेदी अपना संतुलन खो दिया और अंधेरा होने के कारण वह उस बावड़ी में गिर पड़े। उनके दोस्तों ने शोर मचाया, जिसके बाद पुलिस और अन्य लोग वहां पहुंचे। पुलिस के मुताबिक उन्हें बचाने के लिए गोताखोरों को लगाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। सोमवार दोपहर उनका शव बावड़ी से निकाला गया। पुलिस ने इसकी सूचना सेना अधिकारियों को दी।