मुरादनगर (गाजियाबाद) : नोटबंदी के बाद कई बार बैंक के चक्कर लगाने के बावजूद रुपये नहीं बदलने से आहत किसान ने मंगलवार दोपहर को बैंक परिसर में खुद के ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगाने की कोशिश की। मौके पर पहुंचे बैंक कर्मचारी और लोगों ने किसान को समझाकर बामुश्किल शांत किया। बैंक अधिकारी का कहना है कि किसान ने मजाक किया था। पुलिस ऐसी किसी घटना की जानकारी होने से इंकार कर रही है। घटना सुराना गांव स्थित जिला सहकारी बैंक से जुड़ी है।
सुराना गांव निवासी राममेहर सिंह यादव कई दिनों से गांव स्थित जिला सहकारी बैंक में नोट बदलने के लिए चक्कर लगा रहे थे। मंगलवार को उनकी तबीयत खराब हो गई, लेकिन उनके पास नए नोट नहीं होने के कारण वह डाक्टर को भी नहीं दिखा पाए। इसी परेशानी के चलते वह मंगलवार को भी नोट बदलने के लिए बैंक में गए थे, लेकिन घंटों के इंतजार के बाद भी उन्हें किसी बैंक कर्मचारी ने नया नोट नहीं दिया। इसी बात से आहत किसान अपने घर गए और वहां से मिट्टी के तेल से भरी कैन लेकर दोबारा बैंक में आ गए। गुस्साए किसान ने खुद के ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क लिया और आग लगाने की कोशिश की। किसान को ऐसा करते हुए कुछ लोगों ने देख लिया और उन्होंने शोर मचा दिया। शोर मचाने पर मौके पर बैंक कर्मचारियों समेत अनेक लोग जुट गए। बैंक कर्मचारियों ने किसान को नोट तुरंत बदले जाने का आश्वासन देकर शांत करने की कोशिश की लेकिन किसान और ज्यादा उग्र हो गया। इसके बाद बैंक मैनेजर ने तुरंत किसान को 2 हजार का नया नोट हाथ में थमाकर ऐसा कदम नहीं उठाने की अपील की।
किसान ने आरोप लगाया कि वह कई बार बैंक में चक्कर लगा चुका था, लेकिन बैंक अधिकारी भीड़ नहीं होने के बावजूद उसकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे थे। घटना की जानकारी होने पर बैंक में ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी तो बैंक कर्मचारी एक बजे ही शाखा को बंद कर फरार हो गए। इस बारे में जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक रज्जू प्रसाद का कहना है कि किसान मजाक में ऐसा कर रहा था। उनके यहां आग लगाने के प्रयास वाली कोई घटना नहीं हुई है। उधर जिला सहकारी बैंक के उप महाप्रबंधक लेखा एके वर्मा का कहना है यह घटना बेहद दुखद है। इस बारे में थाना प्रभारी आरपी शर्मा का कहना है कि ऐसी किसी घटना की उन्हें जानकारी नहीं है।
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