मेरठ के मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने मंगलवार को कथित तौर पर सात नगर सेवकों को मीटिंग में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया क्योंकि उन्होंने वंदे मातरम गाने से इंकार कर दिया था। मेयर और भाजपा नेता हरिकांत अहलूवालिया ने नगर निगम बोर्ड के सभी पार्षदों को राष्ट्रगीत वंदे मातरम गाने के निर्देश भा जारी किए हैं। निर्देश में कहा गया है कि जो ऐसा नहीं करेगा उसे बोर्ड मीटिंग रूम में घुसने या मीटिंग में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। नगर निगम बोर्ड में कुछ मुस्लिम पार्षद भी हैं जिन्होंने इस घोषणा का विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि वंदे मातरम गाना अनिवार्य नहीं है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, यह मामला मंगलवार का है जब उत्तर प्रदेश में नई भाजपा सरकार बनने के बाद यह पहली बोर्ड मीटिंग थी। नगर निगम में वंदे मातरम का गायन पहले से होता आ रहा है, लेकिन अभी तक इसमें हिस्सा ना लेने वालों को हॉल से बाहर जाने की अनुमति थी और वो वंदे मातरम पूरा होने के बाद वापस आ जाते थे। लेकिन मंगलवार को जब कुछ मुस्लिम नगरपालिका सलाहकार हॉल से बाहर जाने लगे तो भाजपा सदस्य नारेबाजी करने लगे। मीटिंग रूम में ही “हिंदुस्तान में रहना होगा तो वंदे मातरम कहना होगा” के नारे लगाए गए।