झारखंडः जमशेदपुर के राज नगर में बच्चा चोरी के अफवाह में 6 मुसलिम लड़कों की भींड ने बेहरमी से जान ले ली। तस्वीर में दिख रहा शख्स मो. नईम जान की भी भीख मांगता रहा था। लेकिन भीड़ ने उसकी एक नही सुना इतना पीटा कि वह हाथ तक नहीं जोड़ पा रहा था। पुलिस ने लाठीचार्ज कर उसे भीड़ से निकाला अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में कि इन्हे कितनी बेरहमी से पीटा जा रहा है। हांलाकि पुलिस के वहा पहुंचने पर देखा कि लोग एक नौजवान को बच्चा चोर बताकर पीट रहे थे। पुलिस ने भीड़ से बात करके उन्हे मनाने की कोशिश की लेकिन उनके सिर पर खून सवार था। वहां बहुत ज्यादा लोग थे और भीड़ बढ़ती ही जा रही थी। पुलिस की जनता ने एक नही सुनी। भीड़ नईम को तीन घंटे तक लाठी और रॉड से पीटती रही। आपको बता दे कि नईम हल्दीपोखर का रहने वाला है, और सज्जू, सिराज और हलीम 15 किलोमीटर दूर स्थिल शोभापुर हलीम के साले शेख मुर्तजा के घर गए थे। 18 मई को उन चारो ने हल्दीपोखर स्थित अपने रिश्तेदारों को फोन करने लगे कि वो भीड़ से घिर गए हैं और उन्हें बचाया जाए।
वीडियो में दिख रहे एएसआई शशिभूषण गोप कहते हैं, मैं आपके हाथ जोड़ता हूं मुझसे बात न करें। मैं बहुत छोटा अफसर हूं। मैं आपसे बात नहीं कर सकता। आप मेरे सीनियर से बात करें।”
चश्मदीदों और पीड़ितों के परिवारवालों के अनुसार सज्जू, सिराज और हलीम जान बचाकर भागने में सफल रहे। लेकिन भीड़ नईम को तीन घंटे तक लाठी और रॉड से पीटती रही। पुलिस देखती रही। खून में लथपथ नईम जान बख्श देने की भीख मांगता रहा। सुबह करीब 11 बजे पुलिस बेहोश और बुरी तरह घायल नईम को सरायकेला अस्पताल ले गए जहां चंद मिनटों बाद उसकी मौत हो गई।
आपको बता दे कि पुरा मामला गुरुवार की सुबह, जब गांव वालो को सूचना मिली कि बच्चा चुराकर कुछ लोग दो कार से ले जा रहे हैं। हाइवे पर बोंगा डांडू पहाड़ गांव के पास रास्ते में लकड़ी डालकर ग्रामीणों ने गाड़ियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन दोनों गाड़ियां निकल गई। मोबाइल पर सूचना देने के बाद करीब 14 गांवों के लोगों ने तीर-धनुष, लाठी-डंडा से लैस होकर शोभापुर गांव को घेर लिया। सूचना मिली थी कि गांव के मुर्तजा अंसारी ने इन्हें पनाह दे रखा है। गांव की मस्जिद के पास ग्रामीणों ने इंडिगो कार खड़ी देखी। भीड़ मुर्तजा अंसारी पर बच्चा चोरों को बचाने का आरोप लगाने लगी। मुर्तजा ने सफाई दी- घर चेक कर लें, उनका मामले से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन भीड़ कुछ सुनने को तैयार नहीं थी। भीड़ ने उसके घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। घर में रखा सामान फेंक दिया। समशुल हक और अजितुल हक के घर में भी तोड़फोड़ की। घर में आग लगा दी गई। गांव में शांति व्यवस्था बहाल करने पहुंची पुलिस भी भीड़ के गुस्से का शिकार बनी।
दोपहर करीब 1 बजे पुलिस ने सज्जू और सिराज के शव पड़नामसाई से बरामद किया। भीड़ में से कुछ लोगों ने उनका पीछा किया था। और उसके बाद उनका पिछा करके उन्हे पकड़ लिया गया फिर उन सबके शरीर पर मीट्टी तेल डालकर उन्हे जला दिया गया। पीड़ितों के परिजनों का कहना है कि उन्होंने पुलिस को सूचित किया था कि लेकिन पुलिस ने उसका संज्ञान नहीं लिया।