केरल में एक नई पहल करते हुए, यहां कांग्रेस विधायक वीटी बलराम और माकपा सांसद एमवी राजेश ने राजनेताओं के लिए एक ऐसा उदाहरण पेश किया है जो वर्तमान दौर में देखने को नहीं मिलता। न्यूज़ पोर्टल इंडिया संवाद की खबर के मुताबिक कांग्रेसी विधायक वीटी बलराम और माकपा (एम) सांसद एमबी राजेश ने अपने बच्चों का सरकारी स्कूल में दाखिला कराया है। यही नहीं इन नेताओं ने स्कूल के नामांकन फॉर्म में बेटे को अपना धर्म चुनने की आजादी देने की बात कही है।
कांग्रेस के विधायक वीटी बलराम का कहना है कि मैंने अपने बेटे अद्वैत मानव का अपने घर के पास स्थित सरकारी एलपी स्कूल में दाखिला करवाया है। विधायक का कहना है कि ”मैंने उसके धर्म वाले कॉलम में लिखा, वह बड़े होकर अपना धर्म खुद चुन लेगा।
माकपा के सांसद एमबी राजेश ने अपने फेसबुक पेज पर मलयालम में लिखा कि उन्होंने भी अपने बेटे का दाखिला सरकारी छूल में करवाया है। सांसद ने कहा कि जब धर्म वाला कॉलम उन्होंने खाली छोड़ दिया। राजेश की बेटी सरकारी स्कूल में आठवीं में पढ़ती है और छोटी बेटी का दाखिला भी अब सरकारी अचूल में करवाया है।
बीफ कांड में फंसे थे वीटी बलराम
गौरतलब है कि हाल ही में कन्नूर बीफ पार्टी विवाद के बाद कांग्रेस एक बार फिर बीफकांड में फंस गई थी। इस विवाद में कोच्चि में कांग्रेस विधायक के बीफ खाने का वीडियो वायरल हो रहा था। सोशल मीडिया पर विधायक को ट्रोल भी किया जा रहा था। इस मामले पर कांग्रेस विधाय़क वीटी बलराम ने कहा था कि केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में उन्होंने 19 साल बाद शाकाहार का व्रत तोड़ा है। बलराम ने कहा था है कि अब खाने-पाने को लेकर भी सियासत की जा रही है। उन्होंने ने मवेशियों की बिक्री को लेकर केंद्र के नए कानून का विरोध किया था।
बता दें कि इस कानून के तहत मवेशियों की खरीद के वक्त ये हलफनामा देने का प्रावधान किया गया है कि जानवर किसी बूचड़खाने में नहीं बेचा जाएगा।
इंडिया संवाद के सौजन्य से खबर