बिहार में शराब बंदी से संबंधित कानून में नीतीश करेंगे बदलाव, लोगों से भी मांगे राय

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शराब
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बिहार में शराब की खरीद बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद नीतीश कुमार सरकार इससे सम्बंधित कानून के कारण हमेशा विवादों में रही है। लेकिन, अब लगता है कि सरकार अपने बनाए कानून में फेरबदल के लिए तैयार हैं।

सरकार ने पहली बार राज्य में मद्य निषेध कानून को सख्ती से लागू करने के लिए जनता से उनके विचार न केवल ईमेल से मांगे हैं बल्कि कुछ अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी जारी किए हैं जिन्हें आप फ़ोन कर अपने सुझाव दे सकते हैं। इसके अलावा मंगलवार को दिल्ली में नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के मद्देनजर अपनी लीगल टीम के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया।

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इस मामले में बिहार सरकार की तरफ से गोपाल सुब्रमनियम बहस करेंगे और इसके लिए उन्होंने अपनी नियमित फीस न लेकर एक रुपये के टोकन शुल्क लिया है।

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जानकर मानते हैं कि भले अब तक राज्य सरकार ने देशी और विदेशी शराब पर इस साल अप्रैल महीने में पाबन्दी के बाद 16 हज़ार से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, लेकिन इससे सम्बंधित कानून के कारण खासकर सजा होने पर 10 सालों तक जेल का प्रावधान है और घर में शराब पाए जाने पर अगर कोई जिम्मेवारी नहीं लेता है तो उस घर के सभी वयस्क को गिरफ्तार कर जेल भेजने का कानून है। इसके कारण नीतीश कुमार की मीडिया और जनता में जमकर आलोचना हुई।

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