आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को उम्मीद थी कि कभी भाजपा के स्टार प्रचारक रहे नवजोत सिंह सिद्धू उनकी पार्टी में आ जाएंगे। लेकिन सिद्धू सीएम कैंडीडेट बनने से कम पर तैयार नहीं थे। बात बिगड़ी तो उन्होंने 8 सितंबर को ‘आवाज-ए-पंजाब’ नाम से मंच बना लिया। राजनीति के जानकारों का कहना है कि सिद्धू से सबसे ज्यादा नुकसान केजरीवाल को ही होने वाला है, भले ही वे किसी पार्टी को समर्थन दें या खुद चुनाव मैदान में उतरें।
पंजाब की राजनीति पर नजर रखने वाले पत्रकार एसके व्यास कहते हैं कि 10 साल से शिरोमणि अकाली दल का शासन है। इसलिए उसे 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान होने की संभावना है। कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान केजरीवाल से है। आम आदमी पार्टी मैदान में न होती तो उसका इस बार सत्ता तक जाने का रास्ता आसान रहता। स्वराज इंडिया के प्रवक्ता अनुपम कहते हैं कि आम आदमी पार्टी पंजाब को दिल्ली की तरह चलाना चाहती है। इसे पंजाब के लोग बर्दाश्त नहीं कर रहे।