नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार(30 अगस्त) को कहा कि ढाई साल के कार्यकाल के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने जो कुछ सीखा, उससे उन्हें नई दिल्ली में काम करने में मदद मिली। मोदी ने गुजरात के लोगों को यह आश्वासन भी दिया कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे, जिससे कि उनके गृह राज्य का नाम खराब हो।
पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात से काफी शिकायतें आई हैं कि जब से मैं दिल्ली गया हूं (वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद), मेरा इस राज्य में बहुत कम ही आना हुआ है। प्रधानमंत्री ने जामनगर जिले में सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई (एसएयूएनआई) परियोजना का उद्घाटन करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल, भाजपा कार्यकर्ता और यहां तक कि लोगों ने फिर मुझसे अक्सर शिकायत की है कि मैं यहां बार-बार नहीं आता।
मोदी ने कहा कि जब मैं दिल्ली गया, मेरे लिए सबकुछ नया था। वहां सीखने, समझने के लिए काफी चीजें थीं, लेकिन अब मैं काम सीख गया हूं। वर्ष 2001 से 2014 के मध्य तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे मोदी ने कहा कि जो चीजें मैंने गुजरात से सीखीं, वह भी मेरे लिए काफी उपयोगी रहीं।
उन्होंने कहा कि जब इस देश के लोगों ने गुजरात के बेटे को प्रधानमंत्री के तौर पर स्वीकार किया है, ऐसे में मैं आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे कि इस राज्य के लोगों को शर्मिंदा होना पड़े।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जिस तरह से मैंने इस राज्य के विकास के लिए काम किया था, उसी तरह से मैं इस देश के विकास के लिए काम करूंगा। उन्होंने कहा कि वह इस भूमि के रिणी हैं जिस पर वह पले-बढ़े हैं, जहां से उन्होंने इतना कुछ सीखा है।
मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद गुजरात में अपनी पहली सार्वजनिक रैली की। राज्य में वर्ष 2017 के आखिर मे विधानसभा के चुनाव होंगे। अपनी सरकार के बारे में मोदी ने कहा कि भाजपा नीत सत्तारूढ़ गठबंधन ने, प्रशासन के कामकाज में बदलाव किया है।
उन्होंने कहा कि आप मई, 2014 से पहले के अखबारों को देखें और अब के अखबारों को देखें तो आपको अंतर पता चल जाएगा। यह सरकार देश के विकास के लिए एक मिशन मोड में काम कर रही है। यह देश बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है।