हरियाणा की विधानसभा में मानसून सत्र की शुरुआत इस बार कुछ अलग तरह से हुई। दरअसल जाने-माने जैन धर्मगुरु तरुण सागर को सत्र की शुरुआत करने के लिए बुलाया गया। तरुण सागर ने वहां पहुंचकर धर्म, राजनीति, कन्या भ्रूण हत्या और पड़ोसी देश पाकिस्तान पर बात की। दरअसल, हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम विलास शर्मा ने उन्हें वहां पर बोलने के लिए बुलाया था। यह किसी भी विधानसभा में हुआ अपने आप में निराला कार्यक्रम था। विधानसभा में तरुण सागर के लिए जिस सीट पर बैठने की व्यवस्था की गई थी वह गवर्नर, मुख्यमंत्री और बाकी विधायकों की सीट से ऊंची थी। राजनीति का जिक्र करते हुए तरुण सागर बोले, ‘राजनीति पर धर्म का अंकुश होना जरूरी है। धर्म पति है और राजनीति पत्नी। हर पति की यह ड्यूटी है कि वह अपनी पत्नी की सुरक्षा करे। हर पत्नी का धर्म होता है कि वह पति के अनुशासन को स्वीकार करे। अगर राजनीति पर धर्म का अंकुश नहीं होगा तो वह मस्त-मग्न हाथी की तरह हो जाती है।’
वहीं कन्या भ्रूण हत्या पर बात करते हुए तरुण ने कहा, ‘सरकार को तय करना चाहिए कि उन्हीं लोगों को लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने दिया जाए जिनके बेटी हो। समाज में रह रहे लोगों को उस घर में अपनी बेटी की शादी नहीं करनी चाहिए जिस घर में बेटी ना हो। धार्मिक गुरुओं को उस घर से भिक्षा नहीं लेनी चाहिए जिस घर में बेटी ना हो। इससे काफी कुछ बदलेगा।’ तरुण ने ऐसे नेताओं पर भी तंज कसा जिनपर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि आपराधिक मामलों वाला विधान सभा और लोकसभा की सीढ़ियां ना चढ़ पाए।
पाकिस्तान का जिक्र: तरुण ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमारा पड़ोसी देश, सबको मालूम है कि आतंकवाद को शरण देता है। भस्मासुर पैदा करता है। भारत को परेशान करने के लिए। एक बार गलती करे वो अज्ञान है। दो बार करे वो नादान है। तीन बार गलती करे वह शैतान है और जो बार-बार गलती करे वह पाकिस्तान है।’
नेताओं की रिटायर होने की उम्र तय करने के लिए तरुण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। अपने विधानसभा में आने पर उन्होंने कहा कि इससे खट्टर सरकार पर भगवाकरण का आरोप लग सकता है लेकिन यह भगवाकरण नहीं शुद्धिकरण है।