बीबीसी के अनुसार उनकी इस ख़ासियत के बारे में वरिष्ठ पत्रकार अंबिकानंद सहाय कहते है, “मुलायम चाहते कुछ हैं, करते कुछ हैं। उन्हें उत्तर जाना होगा, तो वे दक्षिण की ओर चलेंगे। पश्चिम जाना होगा तो पूर्व की ओर चलेंगे। लेकिन क्या करेंगे, इसका दावा कोई नहीं कर सकता।”
लेकिन दैनिक हिंदुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर ये मानते हैं कि समाजवादी पार्टी में हो रहे बदलावों को संभवत मुलायम सिंह नहीं भांप पाए। वे कहते हैं, “आज की स्थिति में अपनी ही पार्टी में बहुमत के आधार पर मुलायम सिंह बेदखल कर दिए गए हैं, शायद वे समय के साथ पार्टी में हो रहे बदलावों को नहीं भांप पाए।”
उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुलायम सिंह के बारे में एक कहावत काफ़ी मशहूर रही। ‘जलवा जिसका कायम है, उसका नाम मुलायम है।’ लेकिन अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम दौर में मुलायम का जलवा अपने बेटे के सामने ही कमतर हो गया है।