वहीं उत्तर प्रदेश की राजनीति को कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता के मुताबिक मुलायम सिंह के राजनीतिक करियर का अब पूरी तरह समापन हो चुका है।
वे कहते हैं, “मुलायम सिंह यादव की छवि ठीक वैसी ही हो गई है, जैसी लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की भारतीय जनता पार्टी में हुई है।”
शरद गुप्ता के मुताबिक जब किसी भी पार्टी को कोई भी बड़ा नेता जब किसी दूसरे की राय नहीं सुनने की ज़िद पर अड़ जाता है तो उसके साथ ऐसा समय-समय पर होता रहा है और मुलायम का उदाहरण कोई नया नहीं है।
शरद गुप्ता ये भी मानते हैं कि इतिहास ख़ुद को दोहराता रहा है और मुलायम सिंह की एक पहचान राजनीति में धोखा देने वाले नेता की भी रही है, समय उन्हें धोखा वापस कर रहा है।
शरद गुप्ता कहते हैं, “चाहे चरण सिंह रहे हों, या फिर वीपी सिंह या चंद्रशेखर रहे हों या फिर अजीत सिंह, या राजीव गांधी, इन सबको मुलायम ने अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए धोखा दिया। वही अखिलेश कर रहे हैं, क्योंकि वे जो कर रहे हैं उसमें उनका अपना राजनीतिक फ़ायदा है।”