‘जलवा जिसका कायम है, उसका नाम मुलायम है’ का राजनीतिक सफर अंतिम पड़ाव में, पढ़िए पूरा घटनाक्रम

0
5 of 8
Use your ← → (arrow) keys to browse

वैसे उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुलायम सिंह की पहचान ज़मीनी नेता की रही। उत्तर प्रदेश के इटावा के एक सामान्य परिवार में 1939 में जन्मे मुलायम को बचपन में पहलवानी का शौक था, राजनीति विज्ञान में एमए किया, स्कूल में शिक्षक भी रहे।

इसे भी पढ़िए :  विवादों के बीच जनता को और जमे अखिलेश, इनकी लोकप्रियता आपको चौंका देगी!

इस दौरान राम मनोहर लोहिया का उन पर प्रभाव पड़ा और 1967 में वे सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर महज 28 साल की उम्र में विधायक बन गए।

इसे भी पढ़िए :  पीएम मोदी पर बरसे लालू यादव, देश तानाशाही और इमरजेंसी की तरफ जा रहा है

इसके बाद मुलायम ने अपने जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी पहचान यादवों और मुस्लिमों के सबसे बड़े नेता के तौर बन गई। 1990 में कारसेवकों पर गोली चलवाने के बाद वे उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के बड़े नेता बने। लोग उन्हें मौलाना मुलायम और मुल्ला मुलायम तक कहने लगे।

इसे भी पढ़िए :  यूपी इलेक्शन: आज है चौथा चरण, कई दिग्गजों और ‘रिश्तों’ की परीक्षा की घड़ी
5 of 8
Use your ← → (arrow) keys to browse