‘जलवा जिसका कायम है, उसका नाम मुलायम है’ का राजनीतिक सफर अंतिम पड़ाव में, पढ़िए पूरा घटनाक्रम

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समाजवादी धड़े की अलग-अलग पार्टियों की राजनीति करते हुए मुलायम सिंह ने 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया। अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए मुलायम जरूरत पड़ने किसी से भी समझौता करने के लिए भी मशहूर रहे और किसी को धोखा देने के लिए भी।

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ऐसा करते हुए उन्होंने अपने परिवार के करीब दो दर्जन लोगों को भारतीय राजनीति में स्थापित कर दिया। राममनोहर लोहिया की परिवारवाद की राजनीति का ककहरा उन्होंने सीखा जरूर, लेकिन उसकी आंच अपने परिवार पर नहीं पड़ने दी।

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विवादों के बावजूद अमर सिंह सिंह से अपनी दोस्ती वे आख़िर तक निभाते रहे। जिस अमर सिंह को अखिलेश पार्टी से निकलवाना चाहते थे, उसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने बेटे और राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ही पार्टी से निकाल दिया।

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