राजस्थान की प्रतिष्ठित वनस्थली यूनिवर्सिटी के एडमिशन फॉर्म में छात्राओं से उनकी माहवारी और प्रेग्नेंसी से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं। यह बहुत हैरान कर देने वाली बात है कि आखिर यूनिवर्सिटी अपने एडमिशन फॉर्म में ऐसे सवालो को क्यों जगह देगी। जहां हर तरफ यूनिवर्सिटी के इस कदम को गलत बताया जा रहा है वहीं यूनिवर्सिटी अपने इस कदम को सही ठहरा रही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि ऐसे रिकॉर्ड से स्टूडेंट्स को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जाती है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वनस्थली में ऐडमिशन लेने वाली स्टूडेंट्स से हेल्थ से जुड़ा एक फॉर्म भरवाया जाता है। इस सेक्शन के दो हिस्से है। ए सेक्शन में पूछे गए सवाल 12 या उससे अधिक उम्र की स्टूडेंट्स के लिए है, जबकि बी सेक्शन केवल विवाहित महिला स्टूडेंट्स के लिए।
एडमिशन फॉर्म में पूछे गए सवाल
ए सेक्शन में पूछे गए सवाल
- क्या आपको नियमित रूप से पीरियड्स आते हैं?
- आपके लास्ट पीरियड की तारीख क्या है?
- क्या आपने कभी स्त्री रोग से जुड़ी समस्या के लिए किसी डॉक्टर की सलाह ली है?
बी सेक्शन में पूछे गए सवाल
- क्या आप गर्भवती हैं?
- अंतिम प्रसव तिथि
- क्या आपको कभी गर्भपात या मिसकैरेज या सिजेरियन हुआ था
- अापकी पिछली डिलीवरी की तारीख क्या थी?
खबरों के मुताबिक विश्वविद्यालय के हॉस्टल में कथित तौर पर एक मृत नवजात शिशु मिला जिसके बाद से स्टूडेंट्स के गायनाकोलोजिकल रिकॉर्ड लिए जा रहा है। वनस्थली के कुलपति आदित्य शास्त्री का कहना है कि ऐसे रिकॉर्ड स्टूडेंट्स को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में यूनिवर्सिटी की मदद करते हैं।
राईट एक्टिविस्ट व पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टीज की कार्यकर्ता कविता कृष्णन का कहना है, यह फार्म गोपनीयता का उल्लंघन है। छात्रों के प्रति चिंता के रूप में पूछे जा रहे यह सवाल पूरी तरह से घृणित प्रथा है। यह महिला छात्रों की गोपनीयता पर अतिक्रमण है और विश्वविद्यालय को इस तरह के व्यक्तिगत सवाल पूछने का कोई अधिकार नहीं है।