नोटबंदी के बाद हर जगह का सिर्फ एक ही हाल है,हर कोई पैसे निकालने के लिए बैंक और एटीएम की लाइन में लगा है। हर किसी को इंतजार है अपने नंबर का, लेकिन उत्तर प्रदेश में 19143 एटीएम हैं यानी दिल्ली में मौजूद एटीएम से दोगुने, राष्ट्रीय राजधानी के मुकाबले यूपी में लगभग 20 गुनी बड़ी आबादी उन एटीएम से पैसे निकालने के लिए जूझ रही है। इसे देखते हुए लग रहा है कि अगर नए साल में भी स्थिति नहीं सुधरी तो 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की संभावनाओं को नोटबंदी से करारी चोट लग सकती है।
इकनॉमिक टाइम्स के खबर के मुताबिक लखनऊ का आदमी मौज और आराम में रहता है। उसे लाइन में खड़ा होना पसंद नहीं है। यही हाल अगर दो-तीन हफ्ते और रहा तो वह घर बैठ जाएगा, पर अब बीजेपी को वोट नहीं देगा। उन्होंने कहा कि राज्य के खुफिया विभाग ने सरकार को रिपोर्ट्स दी हैं कि आरएसएस के लोग लाइनों में खड़े हो जा रहे हैं और लोगों पर दबाव बना रहे हैं कि वे इस नोटबंदी की आलोचना न करें। उन्होंने कहा, ‘लेकिन अब मोहभंग हो रहा है।
यूपी में करीब 18000 बैंक शाखाएं और 19413 एटीएम हैं, जिन पर 20 करोड़ से ज्यादा लोग निर्भर हैं। दिल्ली में लगभग 1.2 करोड़ की आबादी पर 9070 एटीएम जबकि महाराष्ट्र में 11 करोड़ की आबादी के लिए लगभग 25,000 एटीएम हैं।