नोटबंदी के बाद बीजेपी को भारी पड़ सकता है यूपी चुनाव!

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बैंक

यूपी के एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) दलजीत सिंह चौधरी ने कहा, असल दिक्कत यह है कि बैंकों में कैश ही नहीं है। हमारे पास रिपोर्ट्स हैं कि कस्बों और ग्रामीण इलाकों में 400 से ज्यादा लोग लाइनों में खड़े थे और अचानक घोषणा कर दी गई कि कैश खत्म हो गया। इस पर लोगों ने गुस्सा जताया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिक्कत ज्यादा है। चौधरी ने कहा कि यूपी के पुलिस बल के लगभग 25% यानी करीब 40,000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के लिए बैंकों पर तैनात किया गया है।

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चुनाव से पहले एसपी और बीएसपी की नजर बीजेपी के खिलाफ लोगों के इस गुस्से पर है। मंगलवार को लखनऊ में मायावती ने एक बड़ी रैली में लोगों से कहा था कि वे कतारों में झोंक देने के लिए बीजेपी को सबक सिखाएं। यूपी के सीएम अखिलेश यादव और एसपी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव नोटबंदी की लगातार आलोचना कर रहे हैं। अखिलेश ने तो बैंकों के सामने कतारों में मरने वालों के परिजन के लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान भी किया है, जो अभी तक किसी राज्य सरकार ने नहीं किया है। कांग्रेस ने अखिलेश के कदम का स्वागत किया है, वहीं बीजेपी इसे तुष्टीकरण की राजनीति बता रही है।

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बीजेपी के एक सीनियर लीडर ने हालांकि कहा, ‘शहरी इलाकों के मुकाबले गांवों में बीजेपी के लिए ज्यादा दिक्कत है। मोदी का जलवा शहरों में कायम है। समय बीतने के साथ गांवों में नुकसान बढ़ सकता है।’ एसपी के एक नेता ने कहा, ‘गांव का कम पढ़ा-लिखा आदमी डेबिट कार्ड यूज करना नहीं जानता है। वह धोखेबाजी का शिकार हो सकता है। बुआई का सीजन प्रभावित हुआ है। ढाई लाख रुपये में शादियां करने को कहे जाने से लोग नाराज हैं। यहां तक कि किसी के मरने के बाद तेरहवीं के आयोजन तक नहीं हो पा रहे हैं

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