दिल्ली का ‘बॉस’कौन? आज आएगा हाईकोर्ट का फैसला

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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में आज फैसला होगा कि दिल्ली के ‘बॉस’ सीएम केजरीवाल हैं या एलजी नजीब जंग। मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार के बीच अधिकारों की लड़ाई से जुड़ी 9 याचिकाओं पर हाईकोर्ट फैसला होने वाला है। अहम बात ये है कि जब इतना बडा फैसला आने वाला है तब केजरीवाल दिल्ली में नहीं होंगे। वो धर्मशाला में 10 दिन तक विपश्यना करने गए हुए हैं। दिल्ली में सीएम केजरीवाल और एलजी जंग के अपने अपने काम निर्धारित हैं लेकिन दिल्ली पर हक की जंग छिड़ने से ये सवाल उठा है कि दिल्ली का बॉस कौन है? इस मामले में हाईकोर्ट को दो सवालों के जवाब देने हैं। पहला सवाल कि दिल्ली सरकार के फैसलों को मानने के लिए एलजी बाध्य हैं या नहीं? वहीं दूसरा कि दिल्ली सरकार बिना एलजी से पूछे फैसले ले सकती है या नहीं?

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आपको बता दें कि सीएम केजरीवाल और एलजी नजीब जंग के बीच 9 मुद्दों पर हक की लड़ाई के कारण मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। लड़ाई इसलिए हुई क्योंकि केजरीवाल के कई फैसलों को एलजी ने या तो रद्द कर दिया या मानने से मना कर दिया। मई 2015 में केंद्र ने अधिसूचना जारी करके साफ किया कि एंटी करप्शन ब्रांच केंद्रीय कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं कर सकती। एसीबी दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है. केजरीवाल सरकार ने अधिसूचना को चुनौती दी। जुलाई 2015 में केजरीवाल के विरोध के बाद भी एलजी नजीब जंग ने एम के मीणा को एसीबी प्रमुख बना दिया। केंद्र ने कहा कि एसीबी एक पुलिस स्टेशन है जो एलजी को रिपोर्ट करेगा।

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अगस्त 2015 में केजरीवाल ने शीला दीक्षित सरकार के वक्त गाड़ियों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने में धांधली मानकर जांच कमीशन बिठा दिया। एक जनहित याचिका में केजरीवाल के अधिकार को चुनौती दी गई।दिल्ली में जमीन केंद्रीय संस्था डीडीए के अधीन है लेकिन अगस्त 2015 में केजरीवाल ने खुद ही खेती वाली जमीन का सर्किल रेट बढा दिया।

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