समाजवादी पार्टी में चल रहे घमासान पर बोलते हुए दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुस्लिम वोटर्स को समाजवादी पार्टी और इसके नेताओं के बारे में सोचना बंद करना चाहिए। समाजवादी पार्टी का खुलकर समर्थन करने वाले और 2012 विधानसभा चुनावों में मुलायम सिंह यादव के साथ मंच साझा करने वाले बुखारी ने कहा कि अब समय आ गया है जब उन्हें कोई और विकल्प तलाश करना होगा।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, बुखारी ने कहा कि सपा ने मुस्लिमों के साथ धोखा किया है। सपा ने केंद्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन किया। उस समय मुलायम सिंह परिवार से केवल 5 सांसद ही लोकसभा भेजे गए। समाजवादी पार्टी नेता मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दे उठाने में भी नाकाम रहे, जो उन्होंने 2012 के घोषणापत्र में वादा किया था।
अहमद बुखारी ने कहा कि मुस्लिमों को धोखा देने के लिए समाजवादी पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनाव में सबक सिखाना चाहिए। समुदाय को नया विकल्प ढूंढना होगा ताकि कोई भी नेता आगे से उन्हें हल्के में ना ले। मुस्लिमों के लिए कुछ ना करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि 2012 विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह ने मेरा समर्थन लिया और मुस्लिमों को 18 फीसदी आरक्षण दिलाने जैसे कई वादे किए। लेकिन सरकार मुस्लिमों के मूलभूत अधिकार भी पूरे नहीं कर पाई।
इसके साथ ही बुखारी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार आने के एक साल के भीतर ही 113 सांप्रदायिक घटनाएं हुई और 13 जगहों पर कर्फ्यू तक लगा। इतना ही नहीं, शाही इमाम ने आरोप लगाया कि मुस्लिमों को राज्य के प्रशासनिक पदों पर मुस्लिमों को पर्याप्त हिस्सेदारी भी नहीं मिली।
गौरतलब हो कि अक्टूबर माह में बुखारी ने लखनऊ जाकर यादव परिवार से मुलाकात की थी और आपसी मतभेद को दूर करने की सलाह दी थी। बुखारी सीएम अखिलेश यादव, मुलायम सिंह और शिवपाल यादव से पहले अलग-अलग मिले थे, फिर चारों ने एक साथ बैठक की थी।