जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में पिछले महीने आर्मी कैंप पर हुए हमले को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने अंजाम दिया था। मसूद ने खुद इस बात को स्वीकार किया है। 29 नवंबर को हुए इस हमले में सेना के सात जवान शहीद हो गए थे। साथ ही तीन आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था।
न्यूज चैनल टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, मसूद ने जैश-ए-मोहम्मद की मैगजीन अल-कलाम में लिखा, ‘इस हफ्ते पब्लिकेशन में देरी हो गई क्योंकि नगरोटा में हमला चल रहा था। मैंने नगरोटा को मैनेज किया। नगरोटा में सेना का कैंप निशाने पर था। एक कैंप, जिसे भारतीय सेना के उत्तरी कमांड के हार्ट के तौर पर जाना जाता है, उस पर हमला करना आसान नहीं होता। इस कैंप के चारों तरफ सुरक्षा के तीन घेरे थे। इस कैंप में घुसना और फिर हमले को अंजाम देना आसान नहीं था।’ मसूद ने यह आर्टिकल 6 दिसंबर को लिखा था।
माना जा रहा है कि मसूद की इस स्वीकारोक्ति से पाकिस्तान की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान सरकार इस हमले के पीछे हाथ होने से लगातार इनकार करती रही है। मसूद फिलहाल पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है और वहां से लगातार अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देता आ रहा है।