एर्नाकुलम : पिछले हफ्ते जब 75 साल की सती बाई ग्रोसरी की दुकान पर कुछ जरूरत का सामान लेने गई तो वह आश्चर्यचित रह गई। दुकानदान ने उसे बताया कि सरकार ने 500 और 1000 के नोट सरकार ने चलन से बाहर कर दिए हैं। एर्नाकुलम के वरपुझा गांव के एक छोटे से घर में रहने वाली सती आज से तकरीबन 20 साल पहले पशु चिकित्सा विभाग से रिटायर हुई थी। उसका बाहर की दुनिया कोई संपर्क नही था। वह अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों से भी कभी संपर्क में नही रही। सती मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल भी नही करती है।
इंडिया संवाद वेबसाइट की खबर के मुताबिक सती का कहना है कि उसके घर में बिजली भी नही है। उसे नही पता कि टीवी कैसे चलता है। उसने अपनी पूरी जिंदगी में कभी मोबाइल का इस्तेमाल भी नही किया। वह केवल अपने घर से बाहर सब्जियां और अन्य सामान के लिए ही आती है। उसकी पेंशन भी सीधे उसके बैंक अकाउंट में आती है।
जब उसे दुकानदार ने नोटबंदी की जानकारी दी तो वह जनवरी के पहले हफ्ते में 500 और 1000 के नोटों से भरा थैला लेकर वरपुझा के स्टेट बैंक ऑफ़ त्रावणकोर ब्रांच पहुंची। जहाँ उसका अकाउंट है। उसने बैंक खुलने से पहले बाहर लंबे समय तक इन्तजार किया और फिर बैंक अधिकारियों से अपने नोट बदलने की बात कही। बैंक अधिकारियों का जवाब था कि अब वह उसकी कोई सहायता नही कर सकते। क्योंकि पुरानी करेंसी जमा करने की तिथि जा चुकी है। केवल एनआरआई ही पैसे जमा कर सकते हैं।
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